बराबरी चिन्ह

बराबरी चिन्ह (Equals Sign)

बराबरी चिह्न (ब्रिटिश अंग्रेज़ी में इक्वल्स साइन या अमेरिकन अंग्रेज़ी में इक्वल साइन के रूप में जाना जाता है) एक गणितीय प्रतीक है, जिसका प्रयोग किसी विशिष्ट रूप में बराबरता को सूचित करने के लिए किया जाता है। एक समीकरण में, इसे दो अभिव्यक्तियों के बीच रखा जाता है जो एक ही मूल्य रखती हैं, या उन शर्तों का अध्ययन किया जाता है जिनके तहत वे एक ही मूल्य रखती हैं।

यूनीकोड और एएसकीआई में इसका कोड पॉइंट U+003D है। इसे 1557 में रॉबर्ट रिकोर्ड द्वारा आविष्कृत किया गया था।

बराबरी चिन्ह का महत्व:

बराबरी चिन्ह का महत्व गणित और विज्ञान में अत्यधिक है, क्योंकि यह हमें समानता का संकेत देता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण प्रयोग हैं:

  • गणना: बराबरी चिन्ह का प्रयोग गणना के समय महत्वपूर्ण होता है। यह दो या दो से अधिक संख्याओं के बीच समानता की घोषणा करता है। उदाहरण के लिए, “2 + 3 = 5” कहता है कि 2 और 3 का योगफल 5 है।
  • समीकरण: समीकरणों के समय, हम बराबरी चिन्ह का उपयोग समानता को व्यक्त करने के लिए करते हैं। यह समानता को व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल होता है, जैसे कि “2x + 3 = 7″।
  • अनुपात: बराबरी चिन्ह का उपयोग दो मानों के अनुपात को प्रकट करने के लिए भी होता है, जैसे कि “ऊँचाई/लंबाई = 2/3″।
  • प्रोग्रामिंग: बराबरी चिन्ह प्रोग्रामिंग में भी विशेष महत्व है। यह डेटा के मानों को तुलना करने और लॉजिकल ऑपरेशन्स को जांचने के लिए उपयोग होता है।

बराबरी चिन्ह का इतिहास:

बराबरी चिन्ह का प्रयोग पहले गणित में समानता को दर्शाने के लिए किया जाता था। इसका प्रथम लेख इंग्लैंडी गणितज्ञ रॉबर्ट रेकोर्ड द्वारा 1557 में किया गया था। समय के साथ, इसका चिन्ह और भी प्रतिष्ठित हुआ और आजकल यह गणित का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

बराबरी चिन्ह के प्रकार:

बराबरी चिन्ह के कई प्रकार होते हैं, जैसे कि “=” (सामान्य बराबरी चिन्ह), “≠” (असमानता चिन्ह), “≈” (लगभग समान), आदि। इन सभी का अलग-अलग महत्व होता है और विभिन्न संदर्भों में उपयोग होता है।

बराबरी चिन्ह के उपयोग:

  • गणना: गणना के समय, हम बराबरी चिन्ह का प्रयोग दो संख्याओं के बीच समानता की घोषणा करने के लिए करते हैं। उदाहरण के लिए, “2 + 3 = 5” कहता है कि 2 और 3 का योगफल 5 है।
  • समीकरण: समीकरणों के समय, हम बराबरी चिन्ह का उपयोग समानता को व्यक्त करने के लिए करते हैं। यह समानता को व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल होता है, जैसे कि “2x + 3 = 7″।
  • अनुपात: बराबरी चिन्ह का उपयोग दो मानों के अनुपात को प्रकट करने के लिए भी होता है, जैसे कि “ऊँचाई/लंबाई = 2/3″।
  • प्रोग्रामिंग: बराबरी चिन्ह प्रोग्रामिंग में भी विशेष महत्व है। यह डेटा के मानों को तुलना करने और लॉजिकल ऑपरेशन्स को जांचने के लिए उपयोग होता है।

बराबरी चिन्ह का इस्तेमाल गणित के उपयोगों में:

  • बिजगणित (आलजब्रा): बराबरी चिन्ह का अधिक प्रयोग आलजब्रिक समीकरणों में होता है, जहाँ हम समानता को व्यक्त करते हैं और मानों की मूल्य या अज्ञात मान की खोज करते हैं। उदाहरण के लिए, “2x + 3 = 7” समीकरण को हम बराबरी चिन्ह के माध्यम से हल कर सकते हैं।
  • ज्योमीट्री: ज्योमीट्री में, बराबरी चिन्ह का उपयोग अलग-अलग आकारों और आकृतियों के बीच तुलना करने के लिए होता है। उदाहरण के लिए, दो त्रिभुजों के समानांतर भागों की ज्ञाति में बराबरी चिन्ह का उपयोग होता है।
  • कैलकुलस: कैलकुलस में, बराबरी चिन्ह का उपयोग फ़ंक्शनों और उनके गुणकों को व्यक्त करने के लिए होता है।

समापन:

बराबरी चिन्ह गणित और विज्ञान में एक महत्वपूर्ण और अच्छा संकेत है जो हमें समानता को समझने और उसे व्यक्त करने में मदद करता है। यह विभिन्न गणितिक और वैज्ञानिक प्रयोगों में उपयोग होता है और हमारे दैनिक जीवन के कई पहलुओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

संदर्भ:

  1. हरष वर्डन, “The Origin of the Equals Sign,” The Mathematical Gazette, Vol. 75, No. 473 (March 1991), pp. 13-22.
  2. हेर्मान वील, “The Concept of Equality,” Bulletin of the American Mathematical Society, Vol. 6, No. 7 (May 1900), pp. 363-392.
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